श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का पर्व, शुरू हुई तैयारियां
मंदिरों को फूलों से सजाना शुरू हो गया है। शिवालयों में रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, आरती के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या न हो और कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन हो सकें, इसके लिए अधिकांश मंदिरों में सेवादार तैनात रहेंगे।
देहरादून। एक मार्च को महाशिवरात्रि श्रद्धापूर्वक मनाई जाएगी। इसके लिए विभिन्न धार्मिक संगठन तैयारियों में जुट गए हैं। मंदिरों को फूलों से सजाना शुरू हो गया है। शिवालयों में रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, आरती के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की समस्या न हो और कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन हो सकें, इसके लिए अधिकांश मंदिरों में सेवादार तैनात रहेंगे। मंदिरों में शिव बरात व सांस्कृतिक कार्यक्रम, महाप्रसाद वितरण भी किया जाएगा।
गढ़ी कैंट स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत श्री 108 कृष्णा गिरी महाराज ने बताया कि मध्यरात्रि से श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। महाशिवरात्रि व मेले में श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए मंदिर से लेकर मुख्य गेट तक सेवादार मौजूद रहेंगे।
साथ ही मंदिर में गर्भगृह से लेकर सभी गेट पर 32 सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जाएगी। मंदिर समिति, सेवादल मंदिर और परिसर में व्यवस्था बनाने के लिए तत्पर रहेंगे। पुलिस कर्मियों के अलावा स्वास्थ विभाग की टीम भी यहां मुस्तैद रहेगी।
भवन श्री कालिका माता समिति के मंत्री अशोक लांभा ने बताया कि अंसारी मार्ग स्थित कालिका माता मंदिर में महाशिवरात्रि महोत्सव में रुद्री यज्ञ, श्री रामचरितमानस अखंड पाठ, रुद्राभिषेक, आरती, ब्राह्मणों की सेवा की जाएगी। इसके अलावा, जंगम शिवालय पलटन बाजार, शिव मंदिर सुभाषनगर, नवर्देश्वर मंदिर डालनवाला, श्याम सुंदर मंदिर पटेलनगर, कमलेश्वर महादेव मंदिर जीएमएस रोड, आदर्श मंदिर पटेलनगर में भी शिवरात्रि की तैयारी शुरू हो गई है।
प्राचीन शिव मंदिर धर्मपुर के पंडित अरुण सती ने बताया कि ब्रह्ममुहूर्त से श्रद्धालु जलाभिषेक कर सकेंगे। दिनभर मंदिर में भजन कीर्तन, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। मंदिर में मावा, दूध और सूखे मेवे युक्त पांच क्विंटल प्रसाद बनेगा।
पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर सेवादल की सहारनपुर चौक स्थित मंदिर में बैठक हुई। मंदिर के दिगंबर दिनेश पुरी ने बताया कि सेवादारों का एक जत्था हरिद्वार से वाहनों में गंगाजल लेकर आया है। श्रद्धालु इसे जलाभिषेक के लिए ले सकते हैं। शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर 2100 दीये जलाकर रंगोली सजाई जाएगी। इस बार रंगोली में पष्ठम हाथ वाले भोले और काशी विश्वनाथ कारिडोर के दर्शन हो सकेंगे। 28 की मध्यरात्रि से सामूहिक रुद्राभिषेक शुरू होगा। एक मार्च सुबह चार बजे के बाद आरती और जलाभिषेक शुरू हो जाएगा। शाम को फूलों से शृंगार और आरती की जाएगी।
गढ़ी कैंट स्थित माता वैष्णो देवी गुफा योग मंदिर में ग्राम धोलास के धोलेश्वर महादेव से लाई मिट्टी और गंगाजल से एक लाख 25 हजार पार्थिव शिवलिंगों को बनाने का कार्य शुरू हो गया है। महाशिवरात्रि पर इनकी विशेष पूजा की जाएगी।
मंदिर परिसर में इस कार्यक्रम की शुरुआत पूजा से हुई। वेद विद्यालय शांति मंदिर कनखल के पंडित शुभम शुक्ला ने वेद मंत्रों का पाठ किया। मंदिर के संस्थापक आचार्य बिपिन जोशी ने बताया कि विश्व में सुख और शांति के लिए 25वीं बार यह आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हरिद्वार से लाए गंगाजल और धोलेश्वर की मिट्टी से छोटे-छोटे शिवलिंग बनाए जा रहे हैं। इस मौके पर विधायक चंद्रा पंत, सुरेंद्र रावत, ममता रावत, हर्षपति रयाल, गणेश बिजल्वाण, दीपेंद्र नौटियाल आदि मौजूद रहे।
शिवरात्रि को लेकर प्रेमनगर स्थित सनातन धर्म मंदिर कमेटी की बैठक आयोजित हुई। कमेटी के मीडिया प्रभारी रवि भाटिया ने बताया कि शिवरात्रि पर हरिद्वार से गंगाजल का टैंकर मंगाया गाय है। जिससे श्रद्धालु जलाभिषेक कर सकेंगे। मंदिर में विशेष फूलों की सजावट की तैयारी पूरी हो चुकी है।