न तो अब आइएनडीआइए की कहीं कोई उलझन बची है और न ही गठबंधन की कोई संभावना। आप के द्वारा गठबंधन के घटक दलों द्वारा वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर बनाया जा रहा दबाव भी बेअसर ही रहा है।
सीलमपुर रैली ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि कांग्रेस पूरे जोश में है। अगर चौधरी मतीन अहमद, जिन्होंने पिछले दिनों आप की सदस्यता ले ली थी, उनके गढ़ में कांग्रेस ठंड में भी इतनी भीड़ जुटा सकती है तो उसमें कमतर आंकना आप की भूल भी हो सकती है। इस रैली में कांग्रेस नेताओं की नजर यमुनापार की सीटों पर दलित-मुस्लिम मत पर साफ नजर आई।
रैली में मंच पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव, प्रदेश पार्टी प्रभारी काजी निजामुद्दीन, दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री डॉ. नरेंद्र नाथ, राजेंद्र पाल गौतम, एनएसयूआइ के अध्यक्ष वरूण चौधरी सहित नई दिल्ली और यमुनापार के सभी घोषित उम्मीदवार भी मौजूद थे।
इन सभी ने भी आप सरकार व अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। रैली में मंच से यह संकल्प भी दिलवाया गया कि केजरीवाल एवं आप को सत्ता से उखाड़ फेकेंगे। दो वर्ष बाद इस पार्टी का नाम लेने वाला भी कोई नहीं होगा।

रैली में मौजूद हजारों की भीड़ में यूं तो सभी वर्गों के लोग शामिल थे, लेकिन मुस्लिम मतदाता बहुतायात में थे। यह बताता है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने वाले मुस्लिम मतदाता विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को ही समर्थन करने के मूड में हैं। पार्टी नेताओं ने भी मंच से साफ कर दिया कि राजधानी का विकास कांग्रेस ही कर सकती है, आम आदमी पार्टी नहीं।