उत्तराखंड में हुआ पहला लिव इन रजिस्ट्रेशन, लिव इन विच्छेद का पंजीकरण अनिवार्य किया गया
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद पहला लिव इन रजिस्ट्रेशन हो गया है। संहिता के नियमों के अनुसार लिव इन की जानकारी तब तक साझा नहीं की जाएगी जब तक संबंधित पक्ष इसकी अनुमति न दें। समान नागरिक संहिता पोर्टल पर अब तक उत्तराखंड में एक लिव इन पंजीकरण की सूचना दर्शाई गई है।