केदारनाथ की प्रतिष्ठा को कांग्रेस ने किया धूमिल: धामी

रुद्रप्रयाग। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कांग्रेस ने केदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का कार्य वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान किया था और आरोप भाजपा पर लगा रही है। कहा कि कांग्रेस केदारनाथ धाम के नाम पर राजनीति न करे।

केदारनाथ उपचुनाव के प्रचार के लिए रुद्रप्रयाग पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल पर जमकर हमला बोला। कहा, आज मैं कांग्रेस के लोगों को बता देना चाहता हूं कि हमारे देवभूमि के लोग भोले भाले जरूर हैं, लेकिन वे इस तरह के प्रोपेगंडा को अच्छी तरह से पहचानते हैं। हमारे केदार घाटी के लोग, बंटेंगे नहीं बल्कि एकजुट रहेंगे। न हम क्षेत्र के आधार पर बंटेंगे, न जाति के आधार पर बंटेंगे। भाजपा केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में विकास के ऐतिहासिक कार्य करेगी। मुख्यमंत्री धामी ने यह बातें भाजपा की ओर से आयोजित अनुसूचित जाति स्वाभिमान सम्मेलन में कहीं।

स्यालसौड चन्द्रापुरी में आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने पूर्व विधायक शैलारानी रावत को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके द्वारा विकास कार्यों के जो प्रस्ताव दिए गए थे, सरकार उन्हें धरातल पर उतारने का काम करेगी। उन्होंने केदारनाथ की कसम खाते हुए कहा कि, उन्होंने कभी भी केदारनाथ धाम की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का काम नहीं किया है। कांग्रेस उनके द्वारा केदारनाथ धाम को दिल्ली में बनाने और यात्रा को कुमाऊं ले जाने का झूठ फैला रही है। कांग्रेस के पास कोई भी मुद्दा नहीं है, इसलिए लोगों की भावना के साथ खेल रही है। सीएम ने भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल को रिकार्ड मतों से विजयी बनाने की अपील की।

सम्मेलन में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, भाजपा प्रत्याशी आशा नौटियाल, कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य व सतपाल महाराज, ऐश्वर्या रावत, कुलदीप रावत, देवेश नौटियाल, कर्नल (रिटा.) अजय कोठियाल, जिपं अध्यक्ष अमरदेई शाह, विधायक खजान दास समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता व पदाधिकारियों सहित महिलाएं मौजूद रहीं।

पूरी ‘रौ’ में दिखे धामी

संवाद सहयोगी, जागरण रुद्रप्रयाग। भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाषण के दौरान पूरी रौ में नजर आए। आधा घंटे के भाषण में उन्होंने केदारनाथ क्षेत्र के लिए न सिर्फ अपनी और केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाईं बल्कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के आरोपों का दो टूक जवाब भी दिया। क्षेत्रवाद (गढ़वाल–कुमाऊं), केदारनाथ की यात्रा को कैंचीधाम की ओर मोड़े जाने और केदारनाथ मंदिर से दिल्ली शिला ले जाने के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब भी दिया।

उन्होंने बाबा केदार की सौगंध खाकर कहा कि उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया। धामी ने पूरा खम ठोककर अपनी बात कही और तमाम मसलों को लेकर कांग्रेस के नेताओं का नाम लेकर उनको कठघरे में खड़ा किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धानी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास चुनाव लड़ने के लिए कोई मुद्दे नहीं हैं। कांग्रेस के नेता मुझ पर झूठे आरोप लगाते हुए अफवाह फैला रहे हैं। यह सही है कि उत्तराखंड के प्रवासी कुछ भाइयों के आग्रह पर में दिल्ली में केदारनाथ मंदिर के शिलान्यास समारोह में गया था। बाद में जब मुझे पता चला तो मैने तत्काल कैबिनेट बुलाकर चारधाम के नाम से कोई मंदिर न बनाए जाने को लेकर कड़ा कानून बनवाया। लेकिन हरीश रावत और गणेश गोदियाल जवाब दें कि क्या उनके कार्यकाल में उन्होंने मुंबई में बदरीनाथ मंदिर का शिलान्यास किया या नहीं ? उन्होंने क्यों नहीं चारधाम के नाम का इस्तेमाल को लेकर कानून क्यों नहीं बनाया ?

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