आप के लिए यह चुनाव करो या मरो की स्थिति वाला जैसा है। इस चुनाव में आप चुनाव प्रचार पर पूरी तरह से ध्यान दे रही है। एक तरफ जहां आप ने तीन महीने पहले प्रत्याशी घोषित कर चुनाव प्रचार लगभग पूरा कर लिया है, उनके प्रत्याशी अपने-अपने इलाकों में पांच पांच बार लोगों के पास समर्थन मांगने के लिए जा चुके हैं। यह क्रम लगातार जारी है। अब आप बड़ी बैठकें कर और जनसभाएं कर रही है, बड़े नेताओं के रोड शो भी हो रहे हैं।
इस सब के बीच आप अपने प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार का सर्वे भी कर रही है। पार्टी इसका आकलन कर इस स्तर पर पहुंच रही है कि प्रचार अभियान में क्या-क्या कमियां है और इसे लेकर क्या-क्या कार्य किए जाने की जरूरत है। इसके लिए पार्टी के प्रत्याशियों के प्रचार से अलग हर इलाके में केंद्रीय पार्टी की केंद्रीय टीमें गठित हैं जो सर्वे कर आप के प्रदेश कार्यालय में रिपोर्ट दे रही हैं। इसके आधार पर आनन-फानन में फैसले भी लिए जा रहे हैं।
ऐसे विधानसभा क्षेत्र जिनके प्रचार को और धार देने की जरूरत है या आपका संदेश देने के लिए कुछ और अन्य कार्यक्रम करने की जरूरत है। वहां पर आप की केंद्रीय टीमें पहुंचकर पार्टी के लिए प्रचार कर रही हैं इसके लिए बाकायदा चुनाव हुआ आयोग से अनुमति भी ली जा रही है। उसमें विभिन्न विधानसभा क्षेत्र में बगैर दूल्हे की बारात का आयोजन कर भाजपा पर निशाना साधा जा रहा है।
वहीं नुक्कड़ नाटक कर भी आम आदमी पार्टी की सरकार के 10 साल में सरकार द्वारा कराए गए विकास कार्यों के बारे में भी जनता को जानकारी दी जा रही है। इन सबसे अलग नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ही आप द्वारा दी जा रही जनता को सुविधाओं या तो जो कहें कि रेवड़ियों के बारे में भी उन्हें बताया जा रहा है। यह जो कार्यक्रम अभी तक घर-घर पहुंचाया जा रहा था अब उसे सड़कों पर भी लाया गया है।
बाजारों, मुख्य मार्गों पर भी इसके बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लोगों को यह भी एहसास कराया जा रहा है कि अगर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं आती है तो उन्हें यह सब सुविधा नहीं मिल सकेगी।