कफन में लिपटी अंजलि की लाश को देखकर उड़े लोगों के होश, हर तरफ चीत्कार

हल्द्वानी।: हीरानगर स्थित केवीएम स्कूल की छात्रा अंजलि की मौत से स्वजन में कोहराम मचा हुआ है। जो अंजलि सुबह हंसी-खुशी चहलकदमी करते हुए घर से निकली थी, वापसी में उसकी लाश पहुंची तो मां के होश उड़ गए।

बेटी में मां के प्राण बसते थे, मगर अपने ‘प्राण’ को इस तरह कफन में लिपटा देखकर मां बेसुध हो जमीन पर गिर पड़ी, जैसे वह भी निष्‍प्राण हो गई हो। किसी तरह लोगों ने उसे संभाला। इधर, सूचना पर आर्मी में तैनात पिता भी शाहजहांपुर से घर आ गए।

पिता आर्मी में नायब सूबेदार

मुखानी थाना के नैनी व्यू कालोनी जय सिंह भगवानपुर निवासी राजेंद्र सिंह रावत आर्मी में नायब सूबेदार हैं। उनकी ड्यूटी शाहजहांपुर में है, जबकि पत्नी सरिता घर में 17 वर्षीय बेटी अंजलि और सात वर्षीय बेटे हिमांशु के साथ रहती है। अंजलि और हिमांशु दोनों केवीएम स्कूल में पढ़ते हैं। अंजलि 12वीं की छात्रा है।

गुरुवार को वह करीब 250 बच्चों के साथ चार बसों से बरेली स्थित फन सिटी गई थी। साथ में स्कूल के शिक्षक भी थे, मगर फन सिटी में अंजलि की मौत हो गई। साथ गए स्कूल के लोग उसे दो निजी अस्पताल ले गए, जहां से उसे मृत घोषित कर दिया गया।

अंजलि की मां सरिता को मौत की खबर नहीं दी गई

बताया जाता है कि अंजलि की मां सरिता को मौत की खबर नहीं दी गई। हालांकि, अन्य लोगों को स्कूल के लोगों ने जानकारी दी थी। बरेली से एंबुलेंस में अंजलि का शव घर पहुंचा तो मां अचंभित रह गई। वह समझ नहीं पाई कि उसके घर के बाहर एंबुलेंस क्यों रुकी? किसी ने एंबुलेंस में अंजलि के होने की जानकारी दी, लेकिन उन्हें भरोसा नहीं हुआ। एंबुलेंस का गेट खुला और कफन हटा तो सरिता को बेटी का चेहरा नजर आया।

निष्प्राण अंजलि को मां ने टटोला और जब हरकत नहीं हुई तो सदमे में बेहोश होकर वह जमीन पर गिर गई। उन्हें लोगों ने संभाला और आनन-फानन में एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। इधर, बेटी की मौत की खबर सुन आनन-फानन में राजेंद्र भी शाहजहांपुर से हल्द्वानी पहुंच गए। वह फूट-फूट कर रो रहे थे। राजेंद्र के साढू मुन्ना मेर ने बताया कि सरिता की हालत अब स्थिर है। इधर, सूचना पाकर मुखानी थानाध्यक्ष विजय मेहता मृतका के घर पहुंचे।

सवाल : अंजलि का मोबाइल फोन व सामान कहां गया?

राजेंद्र के साढू मुन्ना मेर ने बताया कि स्कूल प्रबंधन के जो भी लोग अंजलि के साथ गए, उनमें से किसी ने भी स्वजन को सटीक जानकारी नहीं दी। जितने लोगों ने परिवार से बात की, अलग-अलग जानकारी दी। इतना ही नहीं, अंजलि अपने साथ अपना मोबाइल व अन्य सामान भी ले गई थी। अंजलि का शव तो घर पहुंचा, लेकिन उसका मोबाइल व सामान कहां गया, पता नहीं लगा।

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