विधानसभा अध्यक्ष से भिड़े मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जानें क्या है मामला

पटना । बिहार विधानसभा में आज नीतीश कुमार स्पीकर से भिड़ गए। नीतीश का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। दरअसल आज लखीसराय में पिछले कुछ दिनों में 9 लोगों की हुई हत्या के अलावा स्पीकर विजय सिन्हा के क्षेत्र लखीसराय में ही कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन कर एक कार्यक्रम का आयोजन करने के एक मामले में निर्दोष युवकों(दर्शक) को पकड़ कर जेल भेजने और आयोजन करने वाले असली गुनाहगार की गिरफ्तारी नहीं होने का मामला बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने उठाया। स्पीकर के क्षेत्र लखीसराय से जुड़े मामले में निर्दोष युवकों की गिरफ्तारी को लेकर स्पीकर पहले भी काफी नाराजगी जता चुके हैं और सदन में भी इस पर दो बार काफी हंगामा हो चुका है। मामला विशेषाधिकार समिति को दिया गया है।

आज जब बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने फिर इस मामले को उठाया और कहा कि महोदय आपके क्षेत्र से जुड़े मामले में निर्दोष को पकड़ा जाता है और दोषी पर अब तक कार्रवाई नहीं हो रही है। सरकार की तरफ से जब फरार आरोपियों की अब तक कुर्की जप्ती होने अथवा नहीं हो पाने के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी जा सकी तो स्पीकर ने दो दिन बाद इस मामले में जानकारी जुटा कर देने की बात मंत्री विजेंद्र यादव से कही। इसी पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार काफी गुस्से में आ गए। नीतीश कुमार बेहद आक्रामक अंदाज में बोलने लगे और इसे संविधान के और सदन की परंपरा के विपरीत बताया। नीतीश ने कहा कि रोज रोज एक ही बात नहीं उठाना चाहिए. ये मामले जब समिति के पास है तो उसकी रिपोर्ट आने दें लेकिन इससे पहले आप सदन में जवाब नहीं मांग सकते।

नीतीश कुमार ने कहा कि ऐसे हाउस नहीं चलता है । रिपोर्ट आएगी तो उस पर जांच किया जायेगा। यहां सदन में बार-बार सवाल नहीं उठाना चाहिए। सीएम नीतीश ने कहा कि आप इंटर फेयर नहीं कर सकते, मेरे कहने पर मंत्री जवाब देते हैं। हम न किसी को बचाते हैं न फंसाते हैं। नीतीश ने अध्यक्ष से कहा कि आप सुन लीजिये, इस तरह से आप हॉउस नहीं चला सकते । आप कौन होते हैं जवाब मांगने वाले।

नीतीश कुमार ने कहा कि आज मैं पूछूंगा डिपार्टमेंट से कि इस मामले में कितना काम हुआ है।  कौन-सा काम किसे करना है वह सब निर्धारित हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि हम पहली बार देख रहे हैं, सदन में ऐसा आज तक नहीं हुआ है। अगर इसके बारे में कोई भ्रम है तो आज ही मीटिंग बुलाएंगे।

इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष भी बोलने लगे। नीतीश कुमार के गुस्से पर अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि आप ही बताएं कि कैसे सदन चलाना है, हमको तो आप सब ने मिल कर बैठाया है। आप लोगों ने ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष बनाया है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इतने बड़े आसन पर बैठा कर मेरे क्षेत्र का सवाल तक नहीं हम उठा सकते।

सीएम नीतीश के बयान पर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि पुलिस के द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है। जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं, मैं आपसे सीखता हूं। जिस मामले की बात हो रही है उसके लिए तीन बार सदन में हंगामा हो चुका है। मैं विधायकों का कस्टोडियन हूं। मैं जब भी क्षेत्र में जाता हूं तो लोग सवाल पूछते हैं कि थाना प्रभारी और डीएसपी की बात नहीं कह पा रहे हैं। आसन को हतोत्साहित करने की बात ना हो।

गौरतलब है कि ये मामला लखीसराय से जुड़ा हुआ है। लखीसराय में सरस्वती पूजा के मौके पर कोरोना गाइड लाइन के विपरीत एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन के आरोप में स्पीकर के क्षेत्र के कुछ युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था लेकिन आयोजकों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्पीकर ने इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस पर भेदभाव का आरोप लगाया और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। इसी दौरान लखीसराय के डीएसपी और दो थानेदारों के ऊपर स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के साथ दुर्व्यवहार का आरोप भी लगा था।

मामले में बीजेपी के 2 विधायकों ने सदन के अंदर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव दिया था और राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी तक को विधानसभा में तलब किया गया था। विधानसभा में डीएसपी और थानेदारों को हटाए जाने का ऐलान खुद स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने किया था। इस पर अब तक कोई कार्रवाई न होने से विधानसभा में बीजेपी और राजद के विधायक सवाल उठाते रहे थे, लेकिन आज सीएम नीतीश इस पर गुस्सा हो गये।

 

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