नेपाल में गिरफ्तार हुए भारतीयों को निशाना बनाने वाले दो चीनी नागरिक

नेपाल पुलिस ने बताया कि इस दौरान चीन के दो नागरिकों और 115 नेपाली नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में गिरफ्तार किया।

काठमांडू। नेपाल में भारतीयों को निशाना बनाने वाली एक ऑनलाइन ऋण धोखाधड़ी योजना संचालित करने में संलिप्तता को लेकर चीन के 2 नागरिकों और 100 से अधिक नेपाली नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को इस बारे में एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि उन्होंने काठमांडू घाटी के काठमांडू और भक्तपुर जिलों में सोमवार और मंगलवार को 2 अलग-अलग जगहों पर छापे मारे। नेपाल पुलिस ने बताया कि इस दौरान चीन के दो नागरिकों और 115 नेपाली नागरिकों को साइबर धोखाधड़ी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में गिरफ्तार किया।

‘कंपनी का रजिस्ट्रेशन भी करवा रखा था’

काठमांडू मेट्रोपॉलिटन पुलिस रेंज ने एक खुफिया जानकारी के आधार पर सबसे पहले ओल्ड बनेश्वर से सोमवार रात 37 लोगों के एक गिरोह को हिरासत में लिया, जिसमें चीन का एक नागिरक भी शामिल था। चीन के नागरिक की पहचान चांग हू बाऊ के तौर पर हुई है, जो नेपाली युवकों की मदद से भारतीयों को निशाना बनाकर अवैध कारोबारी गतिविधियां करता था। पुलिस ने कहा, ‘उन्होंने ‘लेवान ग्रुप’ नाम की एक कम्पनी का औपचारिक रूप से पंजीकरण भी करा रखा था, जो राजधानी में व्यावसायिक घरानों को प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करती थी।’

‘सानो थिमी में भी एक गिरोह का भंडाफोड़’
नेपाल पुलिस ने बताया कि काठमांडू से गिरफ्तार किए गए नेपाल के नागरिकों में 23 युवक और 13 युवतियां शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसके बाद पुलिस ने भक्तपुर जिले के सानो थिमी नगर पालिका में एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया, जहां से उन्होंने 80 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें भी एक चीनी नागरिक है, जिसका नाम वांग जिनाओ है। पुलिस ने बताया कि भक्तपुर में तीन मंजिला कार्यालय में छापेमारी के बाद गिरफ्तार किए गए नेपाल के नागरिकों में 47 युवतियां और 32 युवक शामिल हैं।

‘गिरफ्तार लोगों को अदालत में पेश किया जाएगा’
कार्यालय से कुल 48 लैपटॉप और 14 डेस्कटॉप कंप्यूटर भी जब्त किए गए हैं। चीन के नागरिक, भारतीयों को 2.5 से 3.5 प्रतिशत ब्याज दरों के साथ ऑनलाइन अल्पकालिक ऋण देते थे। उन्होंने कथित तौर पर काठमांडू और भक्तपुर में डेढ़ महीने पहले अपना यह कारोबार शुरू किया था। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों को अदालत में पेश किया जाएगा। उन्हें सेंट्रल बैंक (केंद्रीय बैंक) तथा वित्तीय लेनदेन अधिनियम के तहत आरोपित किया जाएगा।

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