प्रधानमंत्री मोदी ने परेड ग्राउण्ड देहरादून 18 हजार करोड़ की योजनाओं का किया शिलान्यास एवं लोकार्पण

बीएसएनके न्यूज / देहरादून डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को परेड ग्राउण्ड में 18 लगभग हजार करोड़ की 18 योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। जिसमें 2573 करोड़ की 07 योजनाओं का लोकार्पण एवं 15626 करोड़ के 11 शिलान्यास शामिल हैं।

इस अवसर पर आयोजित विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उत्तराखण्ड पूरे देश की आस्था ही नहीं कर्म की भी भूमि है। हमारे लिए उत्तराखण्ड तप और तपस्या का मार्ग है। उन्होंने कहा कि आज राज्य विकास से जुड़ी जिन विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण हुआ है वे योजनायें इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने में मद्दगार होंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस शताब्दी के शुरूआत में पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेई ने देश में कनेक्टिविटी बढ़ाने का प्रयाय किया था, किन्तु उसके बाद की सरकार ने बहुमूल्य 10 साल बरबाद किये। आज देश में अवस्थापना विकास से संबंधित 100 लाख करोड़ की विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। दो से तीन गुनी गति से सालों से लम्बित योजनाओं के निर्माण एवं नव निर्माण से कनेक्टिविटी के महायज्ञ के द्वारा हम देश को विकसित देशों की श्रेणी में शामिल करने में सफल हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, उद्यमी, प्रकृति प्रेमी सैलानी आते हैं। देवभूमि का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए अवस्थापना सुविधिओं के विकास पर अभूतपूर्व कार्य किया जा रहा है। चारधाम सड़क परियोजना के अन्तर्गत बद्रीनाथ जी की यात्रा में लामबगड़ लैण्डस्लाइड की रूकावटें दूर हो गयी हैं, इसके कारण कई श्रदालुओं को इंतजार करना पड़ता था। आज यात्रा पहले से अधिक सुखद हो गयी है। गंगोत्री, यमनोत्री में भी अनेक योजनाओं पर कार्य शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि बेहत्तर कनेक्टिविटी एवं सुविधाओं के विकास से पर्यटन एवं तीर्थाटन को कितना अधिक लाभ होता है। केदारनाथ पुनर्निर्माण इसका उदाहरण है। केदारनाथ में 2012 में जहाँ 5.20 लाख यात्री आये, वही कोरोना काल शुरू होने से पहले 10 लाख से ज्यादा लोग केदारनाथ आये।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली से देहरादून की यात्रा के दौरान लोग शिकायत करते थे कि दिल्ली से गणेशपूर तक तो यात्रा में आसानी होती है, लेकिन आगे यात्रा में बड़ी कठिनाइ होती है। आज दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के शिलान्यास से अब यात्रा समय आधा हो जायेगा। इससे देहरादून के साथ ही हरिद्वार, मुज्जफरनगर, शामली, मेरठ जाने वालों को भी सुविधा होगी तथा इससे आर्थिक विकास के द्वार भी खुलेंगे। हरिद्वार में रिंग रोड बनने से जाम की समस्या का भी समाधान होगा।

प्रधानमंत्री ने दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे को पर्यावरण सुरक्षा के साथ विकास का मॉडल बताते हुए कहा कि यह औद्योगिक कोरिडोर के साथ ही एशिया का बड़ा वाइल्ड लाइफ कोरिडोर भी होगा। सुरक्षा के साथ जंगली जानवरों को आवाजाही में सुविधा होगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के औषधीय गुणों वाले पादपों की उपयोगिता और मांग पूरी दुनियां में है। यहाँ स्थापित होने वाली आधुनिक इत्र और सगन्ध प्रयोगशाला राज्य के सामर्थ्य को ओर अधिक बढ़ावा देने वाला साबित होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पहाड़ संस्कृति और आस्था के केन्द्र के साथ ही सुरक्षा के किले भी हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार से पूर्ववर्ती सरकार द्वारा 7 साल में मात्र 288 किमी नेशनल हाईवे बनाये, जबकि हमारी सरकार ने 7 सालों में दो हजार किमी0 नेशनल हाईवे का निर्माण किया है। इसी प्रकार पूर्ववर्ती केन्द्र सरकार द्वारा जहाँ उत्तराखण्ड के विकास के लिए 7 साल में 600 करोड़ की धनराशि व्यय की जबकि हमारी सरकार अब तक 12 हजार करोड़ से अधिक व्यय कर चुकी है। उत्तराखण्ड में निर्मित होने वाली सड़क परियोजनाओं आदि से राज्य का भला होगा, युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे लिए उत्तराखण्ड प्राथमिकता है यह इसका भी प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने 5 साल पहले भी कहा था और आज फिर कह रहे हैं कि उत्तराखण्ड का पानी और जवानी उत्तराखण्ड के काम आयेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास में पहले उतना काम नहीं हुआ हमने सीमांत क्षेत्रों तक सैकड़ों किमी. सड़क बनाने, वन रैंक वन पेंशन की सुविधा, सेना का मनोबल बढ़ाने तथा किसी के दबाव में न आने के साथ ही राष्ट्र प्रथम की नीति अपनायी है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए अब नागरिक नहीं सरकार सीधे नागरिकों के पास जाती है। जल जीवन मिशन योजना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो साल में उत्तराखण्ड के 7.50 लाख घरों को नल से पानी उपलब्ध कराया गया है। इससे हमारी माता-बहिनों को बड़ी सुविधा हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में तीन नये मेडिकल कालेजों की स्थापना तथा एम्स के सेटलाइट सेन्टर की स्थापना से स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास होगा। उन्होंने कहा कि देश में नये मेडिकल कॉलेज, आई.आई.एम, आई.आई.टी. आदि प्रोफेशनल संस्थाओं की सीटों में बढ़ोतरी से युवा पीढ़ी को बेहतर अवसर उपलब्ध होने के साथ ही उन माता-पिता का भी सपना साकार होगा जो अपने बच्चों को डॉक्टर, इंजीनियर बनाना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश तभी मजबूत होगा जब हर परिवार मजबूत होगा। इसके लिए बिना किसी भेद भाव के सबका साथ सबका विकास के साथ हम योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता बनाने के लिए उनके खेतों की मेडों पर सोलर पावर लगाने की योजना बनायी गयी है, इससे देश को बिजली मिलेगी और किसानों को आत्मनिर्भरता। प्रधानमंत्री ने उत्तराखण्ड के पर्यटकों की सुविधा के दृष्टि से होम स्टे योजना को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि इस संकल्प से उत्तराखण्ड देश को राह भी दिखा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पुष्कर सिंह धामी को युवा, लोकप्रिय और ऊर्जावान मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में उत्तराखण्ड के विकास का हर संकल्प पूरा होगा। राज्य में युवा नेतृत्व के साथ वरिष्ठ नेताओं की अनुभवी टीम है। उन्होंने कहा कि 2025 में उत्तराखण्ड अपने रजत जयंती वर्ष में विकास के नये आयाम प्राप्त करेगा। कोविड-19 के टीकाकरण अभियान में उत्तराखण्ड का देश के अग्रणी राज्यों में शामिल होने पर भी उन्होने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धाम को बधाई दी। इससे पूर्व प्रधानमंत्री ने एन.एच.ए.आई. द्वारा संचालित योजनाओं के साथ ही अन्य योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने प्रारम्भिक संबोधन में प्रदेशवासियों का गढ़वाली में आभार व्यक्त करने तथा सम्बोधन के अंत में देवभूमि उत्तराखण्ड के महत्व पर आधारित कविता ‘‘जहाँ पावन बहे संकल्प लिए जहाँ पर्वत गर्व सिखाते हैं….से किया। जिसे जनता द्वारा काफी सराहा गया।

प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश प्रगति पथ पर अग्रसर-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि आज देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अथक परिश्रम एवं कुशल नेतृत्व से विकास के पथ पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। आज आतंकवाद से लड़ने, कोरोना से बचाव, विपरीत हालातों में अर्थव्यवस्था को संभालने जैसे जटिल विषयों पर सम्पूर्ण विश्व मोदी की नीतियों और विचारों का अनुसरण कर रहा है।

देश का बच्चा-बच्चा आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया, स्किल इण्डिया, फिट इण्डिया, मेक इन इण्डिया जैसे कार्यक्रमों से भलीभांति परिचित है। कोरोना काल में जहां एक ओर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ो लोगों के दो वक्त का भोजन सुनिश्चित किया है वहीं आयुष्मान भारत योजना ने देश के नागरिकों को यह भरोसा दिलाया कि बीमार होने पर उन्हें निःशुल्क उपचार अवश्य मिलेगा।

प्रधानमंत्री द्वारा देश व जनहित में लिये गये हैं अनेक निर्णय

मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के मंदिर के पुर्ननिर्माण का कार्य जो वर्षों से लंबित था प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक अद्भुत आकार ले रहा है। प्रधानमंत्री के अद्भुत प्रबंधकीय कौशल का कमाल था कि नामुमकिन सा लगने वाला कश्मीर से धारा 370 हटाने का कार्य संभव हो पाया। कोविड काल में जहां विश्व के बड़े से बड़े देश असहाय हो गए, वहीं आपके कुशल नेतृत्व में भारत न केवल महामारी का सामना करने में सफल रहा, बल्कि विश्व के अन्य देशों को भी मेड इन इंडिया वैक्सीन देकर हमने विश्व गुरू होने का अपना दायित्व निभाया।

केन्द्र सरकार के सहयोग से पिछले 05 वर्षों में 01 लाख करोड़ से अधिक की योजनाएं उत्तराखण्ड के लिए हुई स्वीकृत

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड विकास की राह पर अग्रसर है। केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य में पिछले पांच वर्षों में करीब एक लाख करोड़ रूपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिये स्वीकृत हुई हैं। जिनमें से बहुत सी योजनाएं पूर्ण हो चुकी है और अन्य पर कार्य चल रहा है। उत्तराखंड के सतत विकास के प्रति यह प्रधानमंत्री जी के समर्पण का ही नतीजा है कि आज उनके द्वारा 18 हजार करोड़ से अधिक की विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया है।

प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन के मंत्र पर राज्य में हो रहे हैं कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने 2015 में प्रभावी प्रशासन के लिए प्रगति प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन का जो मंत्र दिया था, राज्य सरकार इस मंत्र पर काम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। चाहे वह हाल ही में राज्य में आई आपदा हो या वर्षों से लंबित अन्य मामले हों या फिर भविष्य को लेकर हमारी योजनाएं हों। सरकार प्रधानमंत्री द्वारा दिखाए मार्ग का अनुसरण कर प्रोएक्टिव मोड में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से सीखा है कि किस प्रकार अपने समय का प्रत्येक क्षण मातृभूमि की सेवा के प्रति समर्पित किया जाए। इसी को आदर्श मानकर वे पिछले पांच माह से मुख्य सेवक के दायित्व का निर्वहन पूरी क्षमता से करने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य में पांच माह में पांच सौ से अधिक बड़े फैसले प्रदेश की जनता जर्नादन के हित में लिए हैं।

2025 तक उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में हो रहे हैं कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड वीरों की भूमि है। यहां के जवानों ने हमेशा मां भारती के शीश को ऊंचा उठाए रखने का कार्य किया है। मुझे गर्व है कि मेरे जैसे एक सामान्य परिवार से आने वाले सैनिक पुत्र को मुख्य सेवक के रूप में इस माटी की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। वीर जवानों को सम्मान देने के लिए ही हमारी सरकार देहरादून में सैन्यधाम का निर्माण कर रही है, जिसे प्रधानमंत्री जी ने पांचवे धाम की संज्ञा दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में वर्ष 2025 तक जब हम अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष को मना रहें होंगे, तब तक उत्तराखंड देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बन जाए।

इस अवसर पर राज्यपाल ले.ज.(से.नि.) गुरमीत सिंह, केन्द्रीय संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी, केन्द्रीय राज्यमंत्री अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. हरक सिंह रावत,सुबोध उनियाल,रेखा आर्या, डॉ. धनसिंह रावत, बिशन सिंह चुफाल,गणेश जोशी, स्वामी यतीश्वरानन्द, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक,तीरथ सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा,त्रिवेन्द्र सिंह रावत, सांसद अजय टम्टा,माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी,नरेश बंसल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष/विधायक मदन कौशिक,मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधू, विधायकगण, जिला पंचायत अध्यक्ष,अधिकारीगण एवं अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

 

 

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