सीएम धामी ने पूर्व सैनिकों के साथ किया संवाद, कहा- राज्य सरकार अग्निवीरों को विभिन्न योजनाओं से पहुंचाएगी लाभ
राज्य ब्यूरो, देहरादून : Agnipath Scheme : पुष्कर सिंह धामी ने अग्निपथ योजना के संबंध में पूर्व सैनिकों के साथ संवाद किया। सीएम कैम्प कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि के साथ ही वीर भूमि और सैन्य भूमि भी है।
उत्तराखंड के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। अधिकांश युवाओं ने अग्निपथ योजना का स्वागत किया है। हमारा दायित्व है कि हम अपने युवाओं को अग्निपथ योजना के सही तथ्यों के बारे में अवगत कराएं। इसे लेकर युवा भ्रमित न हों। कार्यक्रम में प्रत्येक जिले से उपस्थित पूर्व सैनिकों ने अग्निपथ योजना को देशहित में सेना को मजबूत करने वाली महत्वपूर्ण योजना बताया। उन्होंने इस संबंध में अपने सुझाव भी दिये।
अग्निपथ योजना भी देशहित में
वहीं मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पूरा जीवन देशहित को समर्पित है। उन्होंने अभी तक जो भी निर्णय लिये, देशहित में लिये। अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति का कल्याण उनकी प्राथमिकता है। लम्बे समय तक लम्बित वन रैंक वन पेंशन के संबंध में उनके द्वारा ही निर्णय लिया गया। सियाचीन में तैनात सैनिकों के उच्च स्तरीय उपकरण, आदि की उन्होंने व्यवस्था कराई।
अग्निपथ योजना भी देशहित में लाई गई है। चयनित अग्निवीरों में से 25 प्रतिशत तो नियमित किये ही जाएंगे, बाकी 75 प्रतिशत के लिये भी विभिन्न अर्धसैन्य बलों, राज्यों के पुलिस बलों व अन्य संस्थानों में व्यवस्था की जा रही है। सेना से आने पर उसके पास इतनी जमाराशि हो जाएगी कि वह अपना स्वयं का व्यवसाय भी प्रारम्भ कर सकता है या फिर उच्च स्तरीय अध्ययन भी कर सकता है।
कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन की समस्या है। राज्य सरकार हार्टीकल्चर में अग्निवीरों को प्रोत्साहित करने के लिये योजना की रूपरेखा तैयार करेगी। राज्य पुलिसबलों में प्राथमिकता की बात पहले ही कही जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद एक सैनिक पुत्र हैं। सेना से उनका स्वाभाविक लगाव है। सैनिकों व पूर्व सैनिकों के बीच आकर ऐसा लगता है जैसे अपने अभिभावकों के बीच आ गए हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के मंथन से अमृत निकलेगा। जो भी सुझाव प्राप्त हुए हैं, उन्हें संकलित किया जाएगा। राज्य स्तर की बात होने पर अग्निवीरों के हित में राज्य सरकार के स्तर से कार्यवाही की जाएगी। जबकि केंद्र स्तर से संबंधित सुझावों को केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय को प्रेषित किया जाएगा।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड में सेना में शामिल होने की परम्परा रही है। यहां योजना का सामान्यतः स्वागत किया गया है। अग्निपथ योजना से उत्तराखंड के युवा लाभान्वित होंगे। अग्निवीरों के लिये विभिन्न योजनाओं में क्या किया सकता है, इस पर राज्य सरकार गम्भीरता से विचार कर रही है।
युवाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कांग्रेस का मिलेगा पूरा साथ: प्रीतम
वहीं कांग्रेस ने अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि केंद्र ने बिना किसी से राय लिए यह योजना शुरू की है। यदि इसमें रक्षा विशेषज्ञ, संसदीय समिति अथवा नौजवानों की राय ली होती तो इतने संशोधन न करने पड़ते। उन्होंने कहा कि युवाओं के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को कांग्रेस पूरा समर्थन देगी। केंद्र सरकार द्वारा यह निर्णय वापस न लिए जाने तक संघर्ष जारी रहेगा।
रविवार को चकराता रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि जिस दिन से केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना की घोषणा की है, उस दिन से युवा सड़कों पर है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विस्तृत चर्चा के बाद यह योजना लाई गई है। यदि चर्चा की गई होती तो सरकार को योजना शुरू करते के बाद कुछ ही दिनों में लगातार संशोधन न करने पड़ते।
उन्होंने कहा कि चार साल का समय कम है। जो सेना में सेवाएं देंगे और संवेदनशील स्थानों पर रहेंगे तो उनके द्वारा गोपनीयता भंग करने की आशंका भी रहेगी। पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जय जवान, जय किसान के नारे पर केंद्र सरकार प्रहार कर रही है। पहले तीन बिल लाकर किसानों को परेशान कर सड़कों पर लाया गया। अब जवानों के नाम पर भी वहीं कदम उठाया जा रहा है।
इस दौरान विधायक राजेंद्र भंडारी, मदन बिष्ट, मनोज तिवारी, मयूख महर, हरीश धामी, रवि बहादुर और विक्रम नेगी ने भी अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सभी विधायक व कार्यकत्र्ता युवाओं के साथ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर इस योजना का विरोध करेंगे।