जेसीपी की मजबूती के लिए कार्य कर रही हैं भावना पांडे

देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुका है। सभी राजनीतिक दलों ने इस चुनाव में विजय प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। वहीं राज्य में एक सियासी दल ऐसा भी है जिसने इस चुनाव में अपने प्रत्याशी नहीं उतारे। ये दल है जनता कैबिनेट पार्टी।

जनता कैबिनेट पार्टी की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे के अनुसार सियासी समीकरणों के गड़बड़ा जाने की वजह से उनकी पार्टी विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार खड़े नहीं कर पाई और अंततः उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत को समर्थन दिया। उनके इस निर्णय की कुछ लोगों द्वारा आलोचना भी की गई। वहीं आलोचकों को मुँह तोड़ जवाब देते हुए जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि उन्होंने कभी हारना नहीं सीखा है।

जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने अपनी पार्टी जेसीपी पर उठाए सवालों के जवाब में सटीक उदाहरण देते हुए कहा कि “लहरों को खामोश देख ये मत समझना कि समंदर में रवानी नहीं है, हम जब उठेंगे तूफ़ान बनके उठेंगे अभी हमने उठने की ठानी नहीं है।” उन्होंने कहा कि फिलहाल जनता कैबिनेट पार्टी भविष्य की योजनाओं का खाका तैयार करने में जुटी हुई है। जल्द ही उनकी तैयारियां खुलकर जनता के सामने आ जाएंगी।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे का कहना है कि वे कभी हार नहीं मानेंगी और लक्ष्य की तरफ बढ़ने से कभी नहीं रुकेंगी।

गौरतलब है कि वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है, वे बहुत साहसी, निडर और हिम्मत वाली महिला हैं। उत्तराखंड की मातृशक्ति के उत्थान एवँ बेरोजगार युवाओं के हित को ध्यान में रखते हुए उन्होंने खासतौर पर जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) का गठन किया है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव निपट जाने के बाद अब वे अपने संगठन जनता कैबिनेट पार्टी को मजबूत करने में जुट गईं हैं। उनका कहना है कि जल्द ही उनकी पार्टी जेसीपी मजबूत होकर उभरकर सामने आएगी।

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